Poetry on Shewta
श्वेता ओ श्वेता,
क्यों दे दी रे तू उसको धोखा,बेचारे लड़के की बताई कुंडली,
माइक तू कर लेती चेका,
श्वेता ओ श्वेता,
कांड क्या कम हम कर रहे थे,
जो तूने बना दी इसकी सनसनी,
अभी तक प्रोफसर का रोमांस देखा था हमने,
तूने तो दे दी पूरी हिस्ट्री,
श्वेता ओ श्वेता,
ग्रुप में हो रही तू ट्रेंडा,
सारे ग्रुप का नाम हो गया तेरा,
तू हो गयी हमारी गुरु,
हम हो गए तेरे चेला,
श्वेता ओ श्वेता,
भगवान बचाले तुमको,
अब यही है हमारी आशा,
श्वेता ओ श्वेता...
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